- कविता = दिल ने ये कहा है.
- दिल ने ये कहा है..
उसके सिवा सारे जहा मे नजर नही आता उसके चेहरे की चमक ने आपना कर लिया ..
दिल ने ये कहा है ...
तुम मेरी हो मेरी ही रहोगी, जाने क्यु ये दिल समज न पा रहा है..
मे किसी और का होने वाला हु वो किसी ओर की होने वाली है ये दिल समज न पा रहा है ..
दिल ने ये कहा है ...
जो हाल मेरा है वो हाल उसका है वो वहा तडप रहा है ..
मेरा दिल यहा मचल रहा है
दिल ने ये कहा है ...
एस जहा मे किसी चीज की कमी नही फिर भी जाने क्यु उसको मचल रहा है
जाने क्यों दिल उसके लिए मचल रहा है
दिल ने ये कहा है ...
मेरे दिल की हालत को उसके आपने भी समजते है ओर मेरे आपने भी समजते है
जाने क्यों मिलाने की कोशिश नही करते है
दिल ने ये कहा है ...
मेरी हालत को लोग क्यु नही समजते है मेरी बैचेनी को लोग नही समजते है
दीवाने की दिल लगी को क्यों नही समझते है
दिल ने ये कहा है ..
मेरी आंखो मे इतनी दीवानगी भरी सरी उम्र देखता रहू , उसकी बोली मे इतनी मधुरता भरी सरी उम्र सुनता रहू
जो मेरी बनेगी उसे जीवन भर प्यार करता रहूँ
दिल ने ये कहा है ..
उससे दूर न हो जाउ उससे सपनो मे मिलता रहू ....मिलता रहू ....बल राम बैन्सला ....मिलता रहू ...