जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं, वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं, झूठा ही सही मेरे यार का वादा है, हम सच मान कर ऐतबार करते हैं ।
मुहब्बत में सच्चा यार न मिला, दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला। लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने, मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।
मैंने जिन्दगी से पूछा.. सबको इतना दर्द क्यों देती हो ? जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया.. मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु, पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है !!
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए, बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..!! तुझसे मैँ इजहार ऐ मोहब्बत इसलिए भी नही करता, सुना है बरसने के बाद बादलो की अहमियत नही रहती|
कागज अपनी क़िस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी काबिलियत से, क़िस्मत साथ दे या न दे पर काबिलियत जरुर साथ देगी..!!
“जान” थी वो मेरी, और जान तो एक दिनचली ही जाती है ना..!!
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में, मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये|
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है, पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है..!!
वो जब पास मेरे होगी तो शायद कयामत होगी, अभी तो उसकी तस्वीर ने ही तवाही मचा रखी है|
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है, कभी मिलना हमसे हम वो सीमा अक्सर पार करके जाते है|
पतझड आती है तो पते टूट जाते है, नया साथ मिल जाए तो पुराने छूट ही जाते है|
फिर पलट रही हे सदिॅयो सी सुहानी रातें, फिर तेरी याद मे जलने के जमाने आ गए|
ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने !! है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने !! जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !! वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !!
दोस्ती का शुक्रिया कुछ इस तरह अदा करू, आप भूल भी जाओ तो मे हर पल याद करू, खुदा ने बस इतना सिखाया हे मुझे कि खुद से पहले आपके लिए दुआ करू..
आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है
एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की.. मैने पल पल कोशिश उसके की पास जाने की, किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की, दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की...